राग की कविताएं अब उत्कर्ष की कविताएं हैं : संतोष चौबे
.भोपाल,२८
अप्रैल || राग तेलंग समकालीन हिंदी कविता के उन विरले कवियों में से
हैं जो अछूते विषयों को छूने का जोखिम उठाते हुए बेहद सरलता से चीज़ों और उनके
जटिल समुच्चयों को हल करने का हुनर पाठक में प्रवेश कराते हैं.ये विचार सुपरिचित
कथाकार,कवि और
आलोचक संतोष चौबे ने बोधि प्रकाशन से प्रकाशित राग तेलंग के नए कविता संग्रह
" मैं पानी बचाता हूं" के लोकार्पण अवसर पर कही. वरिष्ठ आलोचक रामप्रकाश
त्रिपाठी ने कहा कि राग तेलंग की रचनाएं दृश्य के पीछे के तमाम अदृश्य प्रतिबिंबों
और अदृश्य के स्पष्ट दृश्यों का प्रभावी और विश्वसनीय खाका तैयार करती हैं,वे हमारे समय के ऐसे कवि हैं
जिनके सरोकार सीधे तौर पर समाजोन्मुख हैं. राज्य
संसाधन केन्द्र के सभागार में वनमाली सृजन पीठ और मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य
सम्मलेन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में इस अवसर पर प्रतिलिपि डॉट कोम
द्वारा प्रकाशित राग की कविताओं की दो ई बुक्स का भी लोकार्पण किया गया.आमंत्रित
अतिथियों में बीएसएनएल के महाप्रबंधक संदीप सावरकर,पलाश सुरजन,स्मिता नागदेव,अनघा राग और कला
समीक्षक विनय
उपाध्याय सहित अनेक वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे. इस कार्यक्रम का सफल संचालन
युवा आलोचक आनंद कृष्ण ने किया. कार्यक्रम
में राज्य संसाधन केन्द्र के निदेशक संजय सिंह राठौर,संदीप श्रीवास्तव,अनुराग सीठा,इम्तियाज़ खान,अशोक सिंह,रितु वर्गीस,राजू वानखेड़े सहित कई साहित्य
प्रेमी उपस्थित थे.

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