राग तेलंग

Wednesday, May 21, 2014

कविता: है



है

जो अनुपस्थित है
वह है कहीं उपस्थित
इसलिए वह है

जो उपस्थित है
वह है कहीं अनुपस्थित
इसलिए वह नहीं है

यह जो नहीं होकर होना है
या नहीं होना है होकर भी

यह होना है
सब तरह से।


कविता: राग तेलंग

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